सभी पाठकों को दशहरे की शुभकामनाऐं.अच्छाई की बुराई पर विजय का पर्व है दशहरा.राम जी की रावण पर विजय का पर्व है दशहरा.
वैसे ये बात सभी को पता नहीं होगी कि रावण बहुत विद्वान थे, उन्होनें ज्योतिष के एक ग्रन्थ की रचना भी की थी.
केवल एक बुरे कर्म से व्यक्ति क्या से क्या हो जाता है रावण इसके एक अच्छे उदाहरण हैं.अतः हमें भी अपने अंदर की बुराई को जलाना चाहिये. यही सार है दशहरे का. और वैसे आज भी रावणों की कमी नहीं एक ढूंढो हजार मिल जाते हैं.
इस संदर्भ में मुझे अभी पंद्रह अगस्त को कवि नीरज के सानिध्य में संपन्न हुई कवि गोष्ठी में हैद्राबाद की शान प्रसिद्ध कवि वेणुगोपाल भट्टड़ द्वारा रावण और आज कल के नेताओं की तुलना में पढ़ी गयी ये क्षणिका याद आ रही है.
रावण दस मुख से एक बात करते थे
नेता एक मुख से दस बात करते हैं.
पुनः आपसे शीघ्र ही भेंट होगी.
28.9.09
रावण
25.9.09
Raja Ravi Varma
राजा रवि वर्मा के चित्रों को देखिये
Raja Ravi Varma
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24.9.09
पहली बात
सभी पाठकों को यथायोग्य अभिवादन.
कई दिनों से कई धाकड़ लिक्खाड़ों के बलाग्स पढ़ रहा था,
कुछ टिप्पणियां भी टीपी. और मुझे भी अपने विचार और रचनाऐं
(हास्य-व्यंग की कविताऐं रचता हूं) आपसे बांटने की इच्छा हुई.
फलस्वरूप "आपकी हमारी" का प्रादुर्भाव हुआ.इस माध्यम के द्वारा आप मुझ से
और मैं आपसे जुड़ा रहूंगा और आपका प्यार भी मिलेगा यह विश्वास भी है.
एक स्वरचित क्षणिका का आनंद लिजिये.
परिवर्तन
मैं श्रीमती बेईमानी
धर्म-पत्नी लालच कुमार
निवासी कलियुग नगर
अपना नाम परिवर्तित कर
शेष फिर
कई दिनों से कई धाकड़ लिक्खाड़ों के बलाग्स पढ़ रहा था,
कुछ टिप्पणियां भी टीपी. और मुझे भी अपने विचार और रचनाऐं
(हास्य-व्यंग की कविताऐं रचता हूं) आपसे बांटने की इच्छा हुई.
फलस्वरूप "आपकी हमारी" का प्रादुर्भाव हुआ.इस माध्यम के द्वारा आप मुझ से
और मैं आपसे जुड़ा रहूंगा और आपका प्यार भी मिलेगा यह विश्वास भी है.
एक स्वरचित क्षणिका का आनंद लिजिये.
परिवर्तन
मैं श्रीमती बेईमानी
धर्म-पत्नी लालच कुमार
निवासी कलियुग नगर
अपना नाम परिवर्तित कर
श्रीमती चतुराई रख रही हूं
शेष फिर
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