16.3.10

देखना-सुनना

सभी चिट्ठाकर्ता, टिप्पणीकर्ता साथियों को नवसंवत्सर की हार्दिक शुभकामनाओं के साथ
प्रस्तुत है मेरी एक कविता, आनंद लिजिये.
देखना-सुनना                   
बतियाने पहुंचे तो देखा  
कविराज  
समाधि मुद्रा मे बैठे
 शुद्ध आंसू छाप
सास बहू टाईप
डायलोग सुन रहे थे
उनकीं आंखें 
जमी थीं टी.वी.पर
पूरे के पूरे
एपिसोड में थे
हमने पूछा क्या
गजब कर रहे हो
नारियों के देखने वाले
सिरियल देख रहे हो
 लगता है
भाभी जी नहीं है
इसी मिस 
उन्हे याद कर रहे हो 
कविराज बोले 
वो सिरियल नहीं देखती 
कुछ न कुछ कर रही होगी
हम बात को समझ रहे थे 
तभी भाभी जी प्रकट हुई 
हमने पूछा भाभीजी
आप इतना हिट सिरियल 
मिस कर रही हैं
उपर से 
घरेलू काम कर रही हैं 
  आश्चर्य है 
  प्रसन्न भी हो रही हैं
क्या कोई नया व्रत  
कोई नई हवा चल रही है 
वो बोली भाईसाहब 
काम काज का तो कोई नहीं
आराम से करती हूं
क्योंकि
बुद्धू बक्से से दूर रहती हूं
फिर भी कृपा से इनकी  
मिस नहीं होता
मेरा कोई अवड़ता सिरियल 
पहले ये देखते हैं 
क्या घटा क्या बढ़ा 
रात में मुझे
सारे का सारा बता देते हैं
पूरा एपिसोड सुना देते हैं
कभी सुनिये तो सही 
सच कहती हूं
आप देखना भूल जायेंगे
  इतना अच्छा 
इतना अच्छा सुनाते हैं
आगे-पीछे
 हर बात डिटेल में बताते हैं
कवि हैं ना
मसाला इधर-उधर का 
बहुत मिलाते हैं
मजा आ जाता है
आधे घन्टे का एपिसोड
दो घन्टे में सुनाते हैं

21 टिप्‍पणियां:

  1. नव संवत्सर की बहुत बहुत शुभकामनाये ....

    जवाब देंहटाएं
  2. आप को नव विक्रम सम्वत्सर-२०६७ और चैत्र नवरात्रि के शुभ अवसर पर हार्दिक बधाई और शुभकामनाएँ ..

    जवाब देंहटाएं
  3. बढ़िया व्यंग्य है
    नवरात्र में विदेशी कवयित्रियों की कवितायें प्रतिदिन यहाँ पढ़े
    http://kavikokas.blogspot.com - शरद कोकास

    जवाब देंहटाएं
  4. विजय प्रकाश जी ...........कुछ दिनों के लिए उन कवि राज को हमारे घर भेज दीजिये आज कल "आनंदी"के लिए दुआएं मांगी जा रही है ! महानतम व्यंग्यों में शामिल होने योग्य
    विनय पाण्डेय

    जवाब देंहटाएं
  5. मजेदार.
    अभी तक तो यही सुना था कि महिलाएं ही टीवी सिरिअल के हाल बताती हैं चलो कविराज से अच्छी जानकारी मिली...भगवान आपकी क्षमता ..मेरा मतलब है लेखन क्षमता में वृद्धि करे...
    ..बधाई.

    जवाब देंहटाएं
  6. अच्छा व्यंग्यत्मक लेख लिखा है आपने.. बधाई..

    आप को नव विक्रम संवत 2067 और चैत्र नवरात्र के शुभ अवसर पर हार्दिक बधाई और शुभकामनाएँ

    जवाब देंहटाएं
  7. maza aagaya ye rachana padkar...
    kai gharon me sach maniye purush bada lutf uthate hai ............

    जवाब देंहटाएं
  8. Badiya vyang... Aapko aur kaviraj ko नव विक्रम संवत 2067 और चैत्र नवरात्र के शुभ अवसर पर हार्दिक बधाई और शुभकामनाएँ

    जवाब देंहटाएं
  9. badhiya vyang majedar kavita...blog par ijjatafzai ka bahut shukriya.

    जवाब देंहटाएं
  10. बढ़िया व्यंग.....कवि की महिमा बता दी ...

    जवाब देंहटाएं
  11. हा हा हा हा...अगली बार भाभी जी से पूछियेगा कि क्या सीरियल के बीच के विज्ञापन भी सस्वर सुनाते हैं..

    जवाब देंहटाएं
  12. बहुत सुन्दर भाव और अभिव्यक्ति! बढ़िया व्यंग! उम्दा प्रस्तुती!

    जवाब देंहटाएं
  13. kaviraj kikaviyatri ji ne achh rasta batlayahai par jo aanandsiriyal dekh kar aat hai vah sun kar nahi.
    poonam

    जवाब देंहटाएं
  14. vijay prakash ji dhanyewad
    dhanyewad is liye nahi ki aap mere blog par aaye dhnyewad is baat ka ki aap ki us kashoish ki tahet ham aap ke blog tak pahuch aap ko padh paaye.

    hasye ras me bheegi ye rachna apki bahut acchhi lagi. aur mood light light ho gaya...

    bahut bahut shukriy.

    जवाब देंहटाएं
  15. शुक्रिया
    इसकी एक एक प्रति बना कर बाँट दें तो भी काफी है .
    १४...बाघ अधिवेशन रुचिकर है .

    जवाब देंहटाएं
  16. हा !हा! हा! कविराज की पत्नी होना भी उनके सौभाग्य की बात हो गयी!

    जवाब देंहटाएं
  17. Ha,ha,ha...maza aa gaya...aadhe ghanteka episode do ghanteme...!

    जवाब देंहटाएं
  18. हर बात डिटेल में बताते हैं
    कवि हैं ना
    मसाला इधर-उधर का
    बहुत मिलाते हैं
    मजा आ जाता है
    आधे घन्टे का एपिसोड
    दो घन्टे में सुनाते हैं

    ha ha ha aha.........sir padhke maza aa gaya!!!!!!!

    जवाब देंहटाएं

आपकी टिप्पणी हमारी प्रेरणा

 
चिट्ठाजगत IndiBlogger - The Indian Blogger Community
www.blogvani.com