आईये आज आपको कविराज के दरबार में हुआ राय साब और पंडित जी का वार्तालाप बताता हूं.बीता हुआ समय तो बीत ही गया आज का समय तो भोग-भुगत ही रहे हैं किंतु आने वाला समय कैसा होगा जरा जरा आभास कराता हूं.
जरा-जरा
पंडित जी बोले
कहीं आये न आये
फिल्मों में तो
कलियुग आ गया है
जुलुम हो रहा
संगीत तक में
नंगापन छा गया है
पहले गाने आते थे
छोड़ो छोड़ो मोरी बैंया सांवरे
लाज की मारी
मैं तो पानी पानी हुई जाऊं
और आजकल के गाने
खुला निमंत्रण
जरा जरा किस मी
किस मी...हो जरा जरा
अब बचा क्या
बताईये
राय साब बोले
माना कलियुग आया है
किंतु पूरा कहां छाया है
हमारी राय में
कलियुग की कालिमा
तभी छायेगी
जब नायिकायें
जरा और बढ़ेंगी
जरा और आगे आयेंगी
जो रह गया बाकी
वो भी बतायेंगी
छोड़ देंगी जरा जरा
हो जाये पूरा पूरा
ऐसे गाने गायेंगी
23.4.10
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
मनःस्थिति बदले, तब परिस्थिति बदले ।
जवाब देंहटाएंbahut khoob kaliyug to har jagah hi hai sirf filmo me hi kyun wo bhi to samaaj ka aaina hai
जवाब देंहटाएंभाई वाह वैसे भी पंडित जी पुजा कराते वक्त बोलते हैं "कलियुगे प्रथम चरणे" दूसरा, तीसरा और चौथा चरण तो भी आना बाँकी है।
जवाब देंहटाएंजरा जरा ।
जवाब देंहटाएंखरा खरा ।
उफ्फ्फ्फ़ !!!!!!!!!
जवाब देंहटाएंजरा जरा
पूरा पूरा
ब्लाग पर आना सार्थक हुआ
जवाब देंहटाएंकाबिलेतारीफ़ प्रस्तुति
आपको बधाई
सृजन चलता रहे
साधुवाद...पुनः साधुवाद
satguru-satykikhoj.blogspot.com
वाह बहुत बढ़िया! एक नए अंदाज़ में उम्दा प्रस्तुती!
जवाब देंहटाएंbadhiya..
जवाब देंहटाएंजरा जरा कमेन्ट मी .....जरा जरा कमेन्ट मी .....महाराज गज़ब का दिमाग पाया है आपने !!! धन्य हो गया मैं आपकी रचना पढ़कर !!!
जवाब देंहटाएं