माना शेर शेर होता है किंतु उसे भी पालतू बनाया जाता है इसके लिये शेर को पकड़ना होता है
पकड़ने के लिये 1- उसे बकरी दिखाई जाती है वह ललचा जाता है गड्डे की ओर आता है नहीं आता तो 2- हांका लगाया जाता है 3- उसे कुछ नहीं सूझता और वह गड्डे में गिर जाता है पकड़ाई हो जाती है .
फिर उसे पालतू बनाने का काम शुरु होता है. साधारणतयाः यह प्रक्रिया लगभग विवाह जैसी ही है.
1- लड़की दिखाई जाती है, नहीं मानता तो 2- संबंधियों द्वारा समझाया जाता है.
3- विवाह संपन्न होता है
3- विवाह संपन्न होता है
और आगे शेर क्षमा करें पति कैसे फालतू उंह...पालतू बनता है, देखिये:-
पति - ठीक है यार मैं ही गलत हूं. अब जाने दो गुस्सा थूक दो. हाथ जोड़ता हूं
पत्नी - अब मैंने ऐसा क्या कह दिया जो हाथ जोड़ रहे हो, पांव पड़ रहे हो.
पति - आं... मैंने पांव पड़ने वाली बात कहां कही? कब कही?
पत्नी - देखिये आप अब नई बहस शुरु कर रहे हैं.
पति - मैं कर रहा हूं ?
पत्नी - ना जी बहस मैं ही करती हूं न मैं ही गलत हूं
पति - मैं मान चुका हूं कि मैं गलत हूं.
पत्नी - छोड़िये, उपर के मन से मान रहे हो.
पति - उपर-नीचे-आगे-पीछे-अंदर-बाहर सभी मनों से मान रहा हूं
पत्नी - यानी मान रहे हो कि उपर के मन से..
पति - ओफ्फओह, बस करो
पत्नी - अच्छा अब मेरी बात सुनना भी गवारा नहीं?
पति - अरे बाबा सुन तो रहा हूं.
पत्नी - क्या खाक सुन रहे हो. बताओ मैंने क्या कहा?
पति - यही कि मैं तुम्हारी बात नहीं सुनता.
पत्नी - आ गई न मन की बात मुंह पर.
पति - अब तुम खुद ही..
पत्नी - अब कह दो मैं गलत हूं.
पति - मैंने कब कहा?
पत्नी - तो कौन सी कसर रख दी कहने में?
पति - अभी छोड़ो यार
पत्नी - हां हां अभी छोड़ो, गरज रहती है तब हाथ जोड़ो.
पति - अब मैं क्या कहूं, क्या करूं?
पत्नी - ऊं...हूंऊऊऊ..हूंऊऊऊ...हूंऊऊऊ
पति - अच्छा बाबा चुप हो जाओ मैं तुम्हारे हाथ जोड़ता हूं और पांव भी पड़ता हूं.बस्स्स्स्स.
हा हा हा बहुत बडिया शुभकामनायें। कहीं पत्नि ने पोस्ट पढ ली तो?
जवाब देंहटाएंsach mein bahut maza aaya......laga jiti jagti tasweer hai ..hahaha
जवाब देंहटाएंवाह बहुत बढ़िया और मज़ेदार लिखा है आपने ! बहुत अच्छा लगा और मज़ा आ गया पढ़कर !
जवाब देंहटाएंइस टिप्पणी को एक ब्लॉग व्यवस्थापक द्वारा हटा दिया गया है.
जवाब देंहटाएंविजय जी आपका मेल मिलने पर मुझे बेहद खुशी हुई! मैंने आपको तो टिपण्णी दी थी पर वो प्रकाशित न होकर "ये पोस्ट ब्लॉग व्यवस्थापक के द्वारा निकल दी गई है" ऐसा क्यूँ आ रहा है समझ में नहीं आया! मैंने बिल्कुल बुरा नहीं माना ! इसलिए मैं आपको दुबारा टिपण्णी दे रही हूँ ! आपके नए पोस्ट का इंतज़ार है! मेरे इस ब्लॉग पर भी आपका स्वागत है-
जवाब देंहटाएंhttp://seawave-babli.blogspot.com